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सी.पी.आर. इलेक्शन अड्डा: उत्तर प्रदेश चुनाव में बनते बिगड़ते समीकरण

Date and Time

February 24, 2022

6:00 pm to 7:30 pm

Location

ज़ूम पर

Panelists
अभय कुमार दुबे

डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली

आनंद प्रधान

प्रोफेसर, भारतीय जन संचार संस्थान

ज्योति यादव

वरिष्ठ संवाददाता, दिप्रिंट

रमाशंकर सिंह

स्वतंत्र शोधकर्ता

Moderator राहुल वर्मा

फेलो सी.पी.आर.

चर्चा को सी.पी.आर. फेसबुक पेज पर भी लाइवस्ट्रीम किया जाएगा|

चर्चा के बारे में
उत्तर प्रदेश के राजनैतिक महत्तव को देखते हुए, यहाँ चुनाव जीतना किसी भी पार्टी के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है । इसलिए ज़ाहिर है की 10 मार्च को राज्य में आने वाला चुनावी परिणाम अगले दो वर्षों तक देश के राजनीतिक विमर्श के स्वर और स्वरूप को आकार देगा। भाजपा के लिए ये चुनाव खासकर ज़्यादा महत्व रखता है। भाजपा ने पिछले तीन चुनावों – 2014 एवं 2019 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनावों में न केवल बड़ी जीत हासिल की थी, चुनावी नतीजो से विपक्ष के राजनैतिक अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा हुआ था। इन कारणों से ये कहना गलत नहीं होगा कि यदि भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता दोबारा हासिल कर पाती है, तो यह पार्टी की एजेंडा-निर्धारण कर पाने की शक्ति को बढ़ावा देगी। अब जब मोदी सरकार अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर बैकफुट पर है, इसके साथ ही कृषि कानूनों को निरस्त करने, ये कहना गलत नहीं होगा की 2019 के बाद पार्टी को कोई बड़ा चुनावी लाभ नहीं हुआ है। अगर भाजपा उत्तर प्रदेश का चुनाव हार जाती है तो पार्टी और प्रधान मंत्री मोदी की लोकप्रियता में काफी गिरावट आएगी।

सात चरणों वाले इस चुनाव के बीचो-बीच आयोजित की जा रही इस पैनल चर्चा में यूपी में विभिन्न दलों की रणनीतियों पर, तथा योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव और मायावती की नेतृत्व शैली पर चर्चा की जायेगी। पैनलिस्ट उन मुद्दों पर भी प्रकाश डालेंगे जिन मुद्दों पर पार्टियाँ बात कर रही है, और जो मुद्दे हाशिये पर चले गए है।